उनका जिक्र...उनकी तमन्ना...उनकी यादें...
क्या क्या नही है मेरे दामन में आजकल...
क्या क्या नही है मेरे दामन में आजकल...
जल रहें हैं दिल में उनकी यादों के दीये...
रौशन है मेरी अशकों से भरी आँखें भी आजकल...
गम का हर लम्हा शामिल है जिंदगी में...
फिर भी दिल है की मचलता है बहुत आजकल...
हम हैं और उनकी यादें हैं मेरी तन्हाई है...
जीने को और क्या चाहिए इस बेनूर जिंदगी में आजकल...
चाँदनी भी है उदास और खोई खोई सी...
चाँद भी है शोग-ए-हिज्र आजकल...
क्या तमाशा है खुशी के लम्हों में मुसकुराते नही...
और 'रश्मि' कहती फिरती है कि हम खुश हैं बहुत आजकल...!!!
रौशन है मेरी अशकों से भरी आँखें भी आजकल...
गम का हर लम्हा शामिल है जिंदगी में...
फिर भी दिल है की मचलता है बहुत आजकल...
हम हैं और उनकी यादें हैं मेरी तन्हाई है...
जीने को और क्या चाहिए इस बेनूर जिंदगी में आजकल...
चाँदनी भी है उदास और खोई खोई सी...
चाँद भी है शोग-ए-हिज्र आजकल...
क्या तमाशा है खुशी के लम्हों में मुसकुराते नही...
और 'रश्मि' कहती फिरती है कि हम खुश हैं बहुत आजकल...!!!
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