जो गुजरे हैं गम की राहों से, उनसे आँख क्यूँ चुराऊँ मैं,
जो शिला दे मेरी वफाओं का, मुझे उस नज़र की तलाश है,
ज़िंदगी के इस सफर में, कई मोड़ ऐसे आयेंगे,
जो मेरी मंज़िलों का पता दे, उस रहगुज़र कि तलाश है,
डर है कि इस हालात से, टूट कर न बिखर जाऊँ मैं,
जो बढ़ कर थाम ले मुझे, उस हमसफर कि तलाश है,
माना कि सहल हो हर खुशी, दुनियाँ भी मेरे साथ हो,
जो गम मेरे शरीक हो, उस चश्मतर कि
तलाश है...!!!
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